यह तरंग प्रकुंचन के दौरान हृदय द्वारा निर्मित और आरोही महाधमनी में उत्पन्न होती है. स्वयं रक्त प्रवाह से भी तेजी से यह वाहिका झिल्लियों द्वारा परिधीय धमनियों में ले जाई जाती है.वहां दाब तरंग के स्पंदन को परिधीय नब्ज़ के रूप में देखा जा सकता है.
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यह तरंग प्रकुंचन के दौरान हृदय द्वारा निर्मित और आरोही महाधमनी में उत्पन्न होती है. स्वयं रक्त प्रवाह से भी तेजी से यह वाहिका झिल्लियों द्वारा परिधीय धमनियों में ले जाई जाती है.वहां दाब तरंग के स्पंदन को परिधीय नब्ज़ के रूप में देखा जा सकता है.